soch

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Wednesday, March 28, 2012

रूह तक तो तेरी हो चुकी है



अब ये दिल किसी के प्यार का मोहताज नहीं 
जो किसी से छुपा हो अब ऐसा कोई राज नहीं 
रूह तक तो तेरी हो चुकी है मग.......
और तुम कहते हो तुम्हे हम से कोई सरोकार नहीं 

वही शख्स हु मैं

जानता हु मज़बूरी तेरी
पर मुझसे यु चेहरा तो ना छुपा
ना कर मुझसे बात चाहे 
इन नजरो को तो ना तरसा  
वही शख्स हु मैं मग....
जो कभी सब कुछ था तेरा