soch

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Thursday, October 6, 2016

किन लब्जों में शुक्रिया अदा करू तेरा ऐ जिंदगी
बहुत ही करीब से मिलाया हर शख्स को तूने
बेमिसाल लोगो में कुछ मतलबपरस्तों का नाम भी है
कुछ की मेहरबानियां तो कुछ से मिला दर्द इनाम भी है
"समंदर " डूबा है अपने ही किनारे पे
माझी पे कमबख्त को गुमान भी है