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Tuesday, April 26, 2011

......पैसा बोलता है .......

छुट जाते है अपराधी
मिल जाती है आजादी 
के पैसा बोलता है
जनता के रक्षक
बन जाते है भक्षक
के पैसा बोलता है
बदल जाते है अपने
मिट जाते है रिश्ते
के पैसा बोलता है
बिक जाती है जनता
बिकने को हुआ देश
के पैसा बोलता है
लुटेरे है देश के
बस बदला है भेष
के पैसा बोलता है
बिकता है ईमान यहाँ
और बिकता है ईमानदार भी
के पैसा बोलता है
हाय रे पैसा , वाह रे पैसा
कम्बखत कहाँ से तू आया
और यह कैसी है तेरी माया

11 comments:

vandana gupta said...

आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (28-4-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

http://charchamanch.blogspot.com/

Shona said...

वंदना दीदी बहुत बहुत शुक्रिया , में तो आप की रचनाओ से प्ररित हो केर कुछ लिखने की कोशिश करता हु ..

रश्मि प्रभा... said...

sirf paisa hi bolta hai.....

संजय भास्‍कर said...

BILKUL SAHI KAHA AAPNE PAISA HI BILTA HAI

!!अक्षय-मन!! said...

areyy bhai jo bolta v hai usko chup v paisa hi kara deta hai.....

अक्षय-मन "!!कुछ मुक्तक कुछ क्षणिकाएं!!" से

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सही कहा की पैसा बोलता है ...

दिगम्बर नासवा said...

Aaj kal paisa hi maaya hai .. bhagwaan ki maaya bhi ab paise ho gayi hai ...

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

saty vachan...
paise ka hi to saamraajy hai.

चैन सिंह शेखावत said...

sahi farmaya aapne..
halaat aise hi h..

Kailash Sharma said...

बहुत सही कहा है. आज केवल पैसा ही बोलता है और बाकी सब मौन हैं..

Shona said...

शुक्रिया कैलाश जी , शेखावत जी दिगंबर जी , संगीता जी ,अक्षय जी , रश्मि जी , मैं अभी नया हु इस मंच पैर... चाहता हु बहुत कुछ लिखू ... बस दिल की बात लिख पाता हु .....अगर किसी को बुरा लगे तो माफ़ी चाहुगा