soch

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Tuesday, August 7, 2012

ये क्या लिख दिया मेरी हाथो की लकीरों में ??

बदनसीबी  है जो इस हालत में भी जी रहे है
खुशनसीब होते जो मुह मांगे मिल जाती मौत 
हालातो ने लड़ना तो दिया सिखा 
गर हालत बदल जाते तो खुशनसीबी  होती 
रिश्तो की आड़ में तो सबको जरुरत है मेरी
गर बिना शरत मंजूरी  होती तो खुशनसीबी होती 
ए तक़दीर बनाने वाले 
ये क्या लिख दिया मेरी हाथो की लकीरों में ??
ये लकीरे बदल जाती तो खुशनसीबी होती