ये जीवन है
soch
Thursday, April 14, 2011
प्यार और जज्बात
प्यार और जज्बात
दोनों एक दुसरे के पूरक है
जब तक प्यार की कदर होती है तब तक ही जज्बातों की बात होती है
और जब तक जज्बात जिन्दा रहते है प्यार कभी ख़तम नहीं होता
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