ये जीवन है
soch
Wednesday, April 27, 2011
...दर्द......
दर्द होता है जब करता हु याद तुझे
पर अपना सा लगता है यह दर्द
सच कहू तो याद करता नहीं मैं
आज जाती है याद तेरी मुझे दर्द देने के लिए
मुजरिम जो ठहरा तेरा
सजा मिलनी तो लाजमी है
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