soch

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Friday, April 15, 2011

........देखता है मुझे आँखे बंद कर के

सुना है मैंने , करता है आज  भी मुझे याद वो 
चूमता है मेरी निशानी बार बार 
देखता है मुझे आँखे बंद कर के
खफा  है मुझ से फिर न जाने क्यों
अगर  प्यार नहीं है तो आता है मेरे ख्वाबो में क्यों   
सुना है मैंने रिश्ते बनाता है भगवान
फिर ये  रिश्ते बदलते है क्यों  

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