नमस्कार सज्जनों मित्रो और सरकारी बाबुओ
मेरा नाम रिश्वत है
आपके समाज में मेरे और भी कई नाम जैसे
घूस , मिठाई , चाय पानी... .............
में बहुत शुकर गुजर हु उन सभी सरकारी बाबुओ का
जिनकी बदोलत ( खासकर अ...... सिंह जी का ) आज मैंने दिल्ली में
आपना घर बसा लिया है......
वैसे तोह मेरे इस देश में हर जिले में घर है
जिनमे मेरा सारा कुनबा बसा हुआ है
आज से कुछ साल पहले मेरा कोई वजूद नहीं था
गुमनामी की जिन्दगी जी रही थी मैं
बाबुओ के टेबल के नीचे , या मिठाई के डिब्बो तक
ही सीमित रह गई थी मैं
भला हो यह स्टिंग ओपरेशन वालो का , न्यूज़ चैनल
वालो का जिन्होंने मुझे इस गुमनाम जिन्दगी से निकाल कर
सियासत की शीर्ष पर बीठा दिया है
मेरे कुनबे के कुछ समारोह जैसे हवाला , नोट के बदले वोट
बहुत ही परसिद हुए जिनके लिए मैं आप सब की तहे दिल
से शुकर गुजर हु
बहुत से लोग इस देश में ऐसे है जो मेरा देश निकला
चाहते है , मैं गुजारिश करती हु उन लोगो से
किरपा कर के यह विचार दिमाग से निकाल दे
एक तो मेरे सर पर हाथ उन लोगो का है
जिनके होते कोई मेरा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता
डरती हु मैं बाबा रामदेव से , अन्ना हजारे से
लोकपाल से ......................
इस विशव में ऐसा कोई भी देश नहीं जहाँ मैं
आपना घर बसा सकू
अब आप लोग इसे मेरे प्राथना समझ लो
या फिर धमकी
अगर मेरा इस देश से विसर्जन हुआ तो
मैं उन सब लोगो को ले डूबुगी जो मेरे साथ
इन सब में शामिल है
अब देखते है किसमे कितना है दम........
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आप लोग इसे एक वयंग्य न समझे
यह एक सच्चाई है ....
आओ और मिल कर इसका सामना करे
1 comment:
नये अंदाज में कही बात प्रभावित करती है।
..वर्ड वेरिफिकेशन हटा दें। कमेंट करने वालों को इससे झुंझलाहट होती है और वह बिना कमेंट किये भाग जाता है।
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