soch

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Wednesday, March 28, 2012

वही शख्स हु मैं

जानता हु मज़बूरी तेरी
पर मुझसे यु चेहरा तो ना छुपा
ना कर मुझसे बात चाहे 
इन नजरो को तो ना तरसा  
वही शख्स हु मैं मग....
जो कभी सब कुछ था तेरा 

1 comment:

dr.mahendrag said...

कुछ अधूरी सी ,कुछ बिखरी सी,