देखा उन्हें इतेफाक से आज
उन्होंने भी देखा
पर कर दिया अनदेखा
थी मुस्कराहट उनके चहरे पर
देख उनकी मुस्कराहट
तबियत हुई मेरी खुश
तभी महसूस हुआ कुछ
वो कर रहे है गुफ्तगू किसी और से
वो भी फ़ोन से
तब याद आया कुछ
ये वही खुशी और मुस्कराहट है
जो कभी आती थी हम्हे देख कर
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