ये जीवन है
soch
Wednesday, March 28, 2012
रूह तक तो तेरी हो चुकी है
अब ये दिल किसी के प्यार का मोहताज नहीं
जो किसी से छुपा हो अब ऐसा कोई राज नहीं
रूह तक तो तेरी हो चुकी है मग.......
और तुम कहते हो तुम्हे हम से कोई सरोकार नहीं
1 comment:
देवेन्द्र पाण्डेय
said...
बहुत खूब...
March 29, 2012 at 8:01 AM
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1 comment:
बहुत खूब...
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